छपरा: कालाजार उन्मूलन को लेकर जिले में चलेगा सघन छिड़काव अभियान

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• 15 दिनों से अधिक बुखार, हो सकता है कालाजार

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• कालाजार उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित

• छिड़काव से पहले दी जायेगी जानकारी

छपरा: कालाजार उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है। इसे सुनिश्चित करने को लेकर हर जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं। जिसे सार्थक रूप देने वर्ष 2022 के द्वितीय चरण के तहत जिले के सघन छिड़काव अभियान चलेगा। जिसके तहत जिले के सभी प्रखंडों में छिड़काव टीम द्वारा घर-घर जाकर एसपी पाउडर से छिड़काव किया जाएगा। अभियान की सफलता को लेकर निदेशक प्रमुख (रोग नियंत्रण) स्वास्थ्य सेवाएँ, पटना डाॅ राकेश चंद्र सहाय वर्मा ने पत्र जारी कर प्रदेश के सभी जिलाधिकारी को आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए हैं। जिसमें हर हाल में निर्धारित समयावधि के अंदर छिड़काव का कार्य पूरा कराने को लेकर जिला स्तर पर माइक्रोप्लान और एक्शन प्लान तैयार कर जरूरी पहल करने को कहा है। ताकि हर हाल में निर्धारित समय पर अभियान का शुभारंभ और सफलतापूर्वक समापन सुनिश्चित हो सके।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि छिड़काव के दौरान एक भी घर छूटे नहीं, इस बात का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसको लेकर छिड़काव टीम को भी आवश्यक और जरूरी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा छिड़काव अभियान के दौरान सामुदायिक स्तर पर लोगों को कालाजार से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाएगी। जिसके दौरान कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं इसके उपचार की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। छिड़काव के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, ये भी बताया जाएगा। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल :

• छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।

• घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, एवं गोहाल के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं

• छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।

• छिड़काव के पूर्व भोजन समाग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।

• ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।

• अपने क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

कालाजार के लक्षण :

• लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।

• वजन में लगातार कमी होना।

• दुर्बलता।

• मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।

नि:शुल्क इलाज की सुविधा है उपलब्ध :

वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि कालाजार मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिसके कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्हें दी जायेगी। साथ ही पाॅजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है।