छपरा: बदहाल सड़क से परेशान ग्रामीणों ने सड़क पर किया प्रदर्शन, जनप्रतिनिधियों को सुनाई खरी-खोटी

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छपरा: जिले के मशरक प्रखंड के चांद कुदरिया पंचायत के हरपुरजान गांव का वार्ड-4 आज भी विकास कार्यों से मोहताज है। यहां के ग्रामीण सड़क जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों द्वारा अपने गांवों की समस्याओं के निराकरण को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से कई गुहार लगाई जा चुकी है। बावजूद उनकी समस्याएं जस की तस बनी है। इससे ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के निराकरण को लेकर विरोध प्रदर्शन सहित आंदोलन पर विवश होना पड़ रहा है। आजादी के बाद से आज तक इस गांव में सड़क पक्का नहीं बना है। इससे ग्रामीणों को कच्चें एवं उबड़ खाबड़ से आवागमन करना पड़ता है। बारिश के दिनों में तो कच्ची सड़क पर कीचड़ में तब्दील हो जाती है। इससे बीमारी एवं जरूरत पडऩे पर भी गांव से बाहर नहीं निकल पाते है। इससे इन गांवों के ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है।

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परेशान ग्रामीणों ने बुधवार को मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य सड़क से एक हजार से ज्यादा की आबादी वाले गांव मिश्री टोला में 300 मीटर लंबी सड़क को बनाने के लिए उनके द्वारा पिछले कई वर्षो से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से इस सड़क का निर्माण करने की मांग की जा रही है। लेकिन आज तक सड़क नहीं बन सकी है।वही यह गांव सारण जिले का सबसे अंतिम बोर्डर पर अवस्थित है यहां विकास आते आते मशरक प्रखंड कार्यालय में ही रह जाता है। बारिश के दिनों मेें ग्रामीणों की समस्या और भी बड़ जाती है। सड़क पर कीचड़ मचने से वाहन चलाना तो दूर पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है।

ग्रामीण ओम प्रकाश मिश्र,संजय मिश्र, इफ्तखार हुसैन,मौतीक हुसैन, संजीव कुमार तिवारी,किमी देवी,शारदा देवी,सालवा बीबी,मरियम बीबी, क्लस्टर आलम,ईद महम्मद,फूल महम्मद आदि ने बताया कि 300 मीटर की दूरी का कच्चा एवं गड्ढे भरे मार्ग होने की वजह से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क निर्माण की मांग अधिकारियों के साथ विधायक, सांसद, मुखिया से कई बार चुके है। लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।सड़क की स्थिति जस की तस बनी है। ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से खासे नाराज दिखाई दिए। उनका कहना है कि सभी सिर्फ वोट लेने आते हैं चुनाव के समय सभी सुध लेने आते हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।