छपरा: गांव की आशा रीता देवी जागरूकता से बनीं बदलाव की सूत्रधार, टीकाकरण को लेकर बदली तस्वीर

0
  • क्षेत्र में निकलते हीं महिलाएं पूछती हैं “दीदी” कब लगेगी वैक्सीन
  • अब फोन पर कोविड टीकाकरण के बारे में लेते हैं जानकारी
  • ग्रामीण क्षेत्रों में आशा की जागरूकता से आया बदलाव

छपरा: ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को लेकर विभिन्न तरह की अफवाहें फैली कि लोग टीका लेने से कतराने लगे थे। अब परिस्थिति बिलकुल ही अलग देखने को मिल रही है । बदलाव ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाले टीकाकरण केंद्रों पर लोगों की भीड़ से है। कोविड वैक्सीनेशन को लेकर अब गांव में जागरूकता की तस्वीर देखने को मिल रही है। यह सब संभव हुआ है स्वास्थ्य विभाग की मजबूत इकाई आशा कार्यकर्ता की बदौलत। कोरोना काल और टीकाकरण अभियान में आशा कार्यकर्ताओं के योगदान की चर्चा करना लाजिमी है। सारण जिले के दरियापुर प्रखंड के मोहम्मदपुर पंचायत की आशा फैसिलिटेटर रीता देवी जागरूकता से बदलाव की सूत्रधार बन गयी हैं । जिन्होंने कोविड टीकाकरण के प्रति लोगों की सोच में बदलाव लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। प्रतिदिन क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों को कोरोना टीकाकरण के बारे में जानकारी दे रही हैं । टीका के फायदे के बारे में चर्चा कर रही हैं । यही कारण है कि दरियापुर प्रखंड के मोहम्मदपुर पंचायत के जगदीशपुर, केवटिया, हरिहरपुर, नवादा, दुर्बेला समेत कई गांवों में 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थियों का टीकाकरण किया जा चुका है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

आशा बनी बदलाव की सूत्रधार

कोविड टीकाकरण को लेकर दरियापुर प्रखंड के मोहम्मदपुर पंचायत में अब लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। आशा फैसिलिटेटर रीता देवी कहती हैं कि पहले जब गांव में घर-घर जाकर लोगों व महिलाओं को टीकाकरण के बारे में जानकारी देते थे तो लोग उतना रिस्पांस नहीं देते थे। लोगों के मन में तरह-तरह की भ्रांतियां थी। लोग कहते थे कि वैक्सीन लेने से मौत हो जाती है, बच्चा नहीं होता है और कई तरह भ्रांतियां लोगों के मन था। लेकिन आशा फैसिलिटेटर रीता देवी अपने कर्तव्यों से पीछे नहीं हटी और लोगों को लगातार जागरूक करती रहीं । रीता देवी ने लोगों को यह जानकारी दी कि वैक्सीन से किसी की मौत नहीं होती है। वैक्सीन सभी के लिए सुरक्षित और प्रभावी है। हम सभी आशा ने वैक्सीन ली है। कोरोना संक्रमण से बचाव में वैक्सीन हीं मजबूत हथियार है। आशा की जागरूकता का प्रभाव लोगों पर पड़ा और आज टीकाकरण को लेकर इस गांव के लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है।

अब फोन पर पूछते हैं “दीदी” कब लगेगी वैक्सीन

जागरूकता का प्रभाव इतना है कि इस गांव की महिला व पुरुष टीका लेने के लिए चिन्तित हैं । आशा कार्यकर्ता से फोन करके हमेशा यह पूछते हैं कि “दीदी” मुझे कब वैक्सीन लगेगी और आज किस क्षेत्र में टीकाकरण हो रहा है। इसके साथ जब आशा रोज की तरह अपने क्षेत्र में जाती हैं तो गांव की महिलाएं भी यही पूछती हैं कि दीदी हमको भी टीका लगवा दीजिये।

गांव के लोगों का हुआ है सर्वे

आशा फैसिलिटेटर रीता देवी ने बताया के उनके अधीन 19 आशा कार्यकर्ता कार्यरत हैं । कोविड टीकाकरण को लेकर गांव के प्रत्येक व्यक्ति की सूची तैयार की गयी है। आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा घर-घर जाकर इस बात की जानकारी ली गयी है कि आपके घर में कितने लोगों का टीका लग चुका है और कितने लोग वंचित है। रजिस्टर में सूची तैयार कर लोगों को फोन के माध्यम से टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि गांव के प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण किया जा सके। गांव में शत-प्रतिशत टीकाकरण को लेकर विभाग प्रयासरत है। विभाग का उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति टीकाकरण से वंचित नहीं रहे।