छपरा: जिले भर में आज डेंगू इज प्रिवेंटिएबल : लेट्स जॉइन हैंड्स ” की थीम पर मनाया जाएगा राष्ट्रीय डेंगू दिवस

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डेंगू की रोकथाम को लेकर चर्चा के लिए विभिन्न स्तर पर होगी बैठक

छपरा: जिले भर में आज “डेंगू इज प्रिवेंटिएबल : लेट्स जॉइन हैंड्स ” की थीम पर सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ” राष्ट्रीय डेंगू दिवस” मनाया जाएगा । इसको लेकर अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनीत रोग कार्यक्रम डॉ विनय कुमार शर्मा ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। सदर अस्पताल में भी बैठक व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रति वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है। यह दिवस विभिन्न स्थानीय अधिकारियों, विभागों तथा गैर सरकारी संगठनों एवम विभिन्न पार्टनर्स/स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित कर डेंगू की रोकथाम के प्रति जनसमुदाय को जागरूक करने का उचित अवसर है। इस दिन से ही डेंगू की रोकथाम की गतिविधियों को तेज कर दिया जाता जो ट्रांसमिशन सीजन के समाप्त होने तक जारी रहता है। 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा को लेकर सरकारी छुट्टी है, इसके बावजूद विभाग के सभी कर्मियों को दफ्तर आने के लिए कहा गया है। उस दिन बैठकर हमलोग इस पर चर्चा करेंगे। इस दौरान डेंगू के इलाज को लेकर दवा व अन्य जरूरी चीजों की उपलब्धता पर बात की जाएगी।

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एडिस मच्छर के काटने से होता है डेंगू :

एडिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर दिन में काटता है और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल सदर अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।

समय पर इलाज कराने पर मरीज हो जाता स्वस्थ्य :

सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद जैसा कहेंगे, उसके अनुसार अपना इलाज करवाएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। सिर्फ गंभीर मरीजों को ही भर्ती होना पड़ता है। समय पर इलाज कराने पर मरीज पूरी तरह से स्वस्थ्य हो सकता है।

दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :

दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।