जीरादेई: तुलसीदास ने मानस से सनातन धर्म को पुनर्जीवित किया

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✍️परवेज अख्तर/सिवान: जिले के जीरादेई प्रखंड के विजयीपुर स्थित जय प्रकाश उच्च विद्यालय में बुधवार को महाकवि तुलसीदास की जयंती मनाई गई। इस दौरान उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। इस मौके पर प्रधानाध्यापक केके सिंह ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को तुलसीकृत रामचरित मानस का अध्ययन कर उसमें वर्णित आचरण को जीवन में उतारने की आवश्यकता है।

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उन्होंने बताया कि सनातन धर्म शाश्वत है फिर भी महाकवि तुलसीदास ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एवं आम जनता को जागृत करने के लिए रामचरित मानस के माध्यम से सनातन धर्म को पुनर्जन्म दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सनातन धर्म के बहुत से धार्मिक मूल तत्व नष्ट होते जा रहे थे तब महाकवि तुलसीदास एवं अन्य ऋषि-मुनियों ने वेद, पुराण एवं उपनिषदों की रचना कर सनातन धर्म को जीवित रखने का प्रयास किया। मौके पर शिक्षक घनश्याम सिन्हा, अभिषेक मिश्र, दिग्विजय सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किया। इस मौके पर काफी संख्या में छात्र-छात्राएंं उपस्थित थे।