लालू को मिलेगी राहत या जाएंगे जेल? चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की बहस पूरी, जल्द आ सकता है फैसला

0

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में जल्द फैसला आने की संभावना है। मामले में सीबीआई की ओर से जारी बहस शनिवार को पूरी हो गयी। अब बचाव पक्ष की ओर से बहस होनी है। बचाव पक्ष की बहस पूरी होते ही मामला फैसले पर चला जाएगा। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख नौ अगस्त निर्धारित की है।

विज्ञापन
pervej akhtar siwan online
WhatsApp Image 2023-10-11 at 9.50.09 PM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.50 AM
WhatsApp Image 2023-10-30 at 10.35.51 AM
ahmadali

सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कुल 27 निर्धारित तारीखों में बहस पूरी की। इसमें फिजिकल कोर्ट के 12 दिन शामिल हैं। हाईकोर्ट ने छह महीने में मामले को निष्पादित करने का निर्देश दिया है। बता दें कि डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ 35 लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े आरसी 47ए/96 मामले में लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा समेत 110 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे हैं। चारा घोटाले के 53 मामलों में से 51 में फैसला आ चुका है। यह लालू प्रसाद से जुड़ा पांचवां और आखिरी मामला है।

कोरोना महामारी के कारण सुनवाई रही प्रभावित

इस साल की 26 फरवरी को बचाव पक्ष की गवाही पूरी होने के बाद मामला बहस में चला गया था। इसके बाद छह निर्धारित तारीखों में सीबीआई की ओर से बहस की गयी। बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते दो महीने से जारी फिजिकल कोर्ट पर रोक लग गयी। साथ ही मामले की सुनवाई भी वर्चुअल के कारण बंद हो गयी थी, लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश पर वर्चुअल मोड में जुलाई महीने से पुन: सुनवाई प्रारंभ हुई।

आगे क्या

न्यायिक प्रकिया के तहत सीबीआई की ओर से जारी बहस पूरी हो चुकी है। अब बचाव पक्ष को बहस करने का मौका दिया गया है। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद मामला फैसला में चला जाएगा।

170 आरोपियों पर हुई थी चार्जशीट

शुरुआत में 170 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है। पहली चार्जशीट आठ मई 2001 को 102 आरोपियों को और सात जून 2003 को पूरक चार्जशीट में 68 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की गई थी। सितंबर 2005 में आरोप तय किया गया था। सीबीआई ने 11 मार्च 1996 को प्राथमिकी दर्ज की थी। मामले के सात आरोपी सरकारी गवाह बनाये गये, दो आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल लिया। पांच आरोपी फरार चल रहे हैं।