परवेज अख्तर/सीवान : जिले के हसनपुरा प्रखंड के उसरी बुजुर्ग स्थित शिव मंदिर परिसर में चल रहे श्रीराम जन्मोत्सव समारोह के दूसरे दिन राष्ट्रीय राम कथा वाचक परम पूज्य राजन जी महाराज के मुखारविंद से रामकथा का वर्णन किया. कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुये अपने वर्चुअल (आनलाईन ) चल रहे कथा का अपने अपने घर पर सपरिवार श्रद्धा भाव से श्रीराम कथा श्रवण कर आनंद लिया. कहा कि भगवान पर तर्क नहीं करना चाहिए. कल करें सो आज कर आज करें सो अब करने का मतलब ईश्वर की वंदना भजन कीर्तन भी मनुष्य को अपने जीवन में सही समय पर करना चाहिए. क्योंकि मनुष्य का जीवन क्षणभंगुर है.
मनुष्य जिस धन को कमाने में अपना जीवन बिता देता है. वो धन मानव को जीवन का एक क्षण भी नहीं दे सकता है. एक प्रसंग मे उन्होंने कहा कि शिव के अराध्य भी भगवान श्री राम है. ये सभी वेद पुराण में भी कहा गया है. पार्वती ने भगवान शिव से कहा मेरे मन में ये भ्रम है कि राम ब्रह्म है, तो राम क्यों पत्नी वियोग में रोते थे. इसलिए भगवान शिव से पार्वती ने राम कथा कहने का अनुरोध किया. निर्गुण ब्रह्म के सगुण ब्रह्म कैसे बने ये कथा बताने का अनुरोध किया. ज्ञान, भक्ति, वैराग्य भी बताने का अनुरोध किया जो भगवान को जान लिया उसे और किसी चीज की लालसा नही रहती है. भगवान हर कण में व्याप्त है, उसे देखने के लिए वो आंखें होनी चाहिए.
कलयुग में भी भगवान उसके लिए आते है. जो उसके प्रेम मे पागल हो जाता है. बिना श्रीराम को जाने ये संसार जीव मुक्त होने वाला नहीं है. जो भगवत कथा के आयोजन के लिए रचना करने वाले होते है वो धन्य है.