कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है, अक्टूबर में तीसरी लहर आने की है संभावना

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नई दिल्ली: भारत में कोरोना का खतरा अभी तक टला नहीं है. वैसे तो लोग बिल्कुल ही कोरोना महामारी और इसकी त्रासदी को भूल चुके हैं, और यही मौका हमारी जान पर भारी पड़ सकता है. पिछले 24 घंटों में 25 हजार 72 नए मामले दर्ज किये गये है. बीते हफ्ते दर्ज हुए कोरोना के मामलें पिछले दो महीनों में सबसे कम रहे हैं. कोरोना के तीसरे लहर आने की आशंका अभी जताई जा रही है, उसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के अन्दर आने वाली एनआईडीएम ने तीसरी लहर की मिल रही चेतावनियों पर अध्ययन कर उससे लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी है।

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एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के तीसरी लहर अक्टूबर में अपने चरम पर होगी. जैसा की देश में परिस्थिति है, व्यस्क वैक्सीन लगावकर कुछ हद तक सुरक्षित हैं. ऐसे में इस बार बच्चों पर वायरस का ज्यादा असर होगा. हालांकि इस बात का पर्याप्त साक्ष्य नही मिला है, लेकिन भारत में बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है, जिससे बच्चो में संक्रमण बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

पिछली बार की तरह इस बार भी जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता है, उन्हें विशेष तौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्रालय के मुताबिक जो भी बच्चे कोरोना के चलते अस्पताल में भरती हुए थे उनमें से 60-70 प्रतिशत मामले ऐसे थे, जिनकी इम्युनिटी कमजोर थी या तो उन्हें पहले से कोई बीमरी थी. बच्चों में कोरोना से ठीक होने के बाद मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम भी होता देखा गया है।

बच्चों के लिए डॉक्टर्स, वेंटीलेटर, एम्बुलेंस, स्टाफ की काफी हद तक तैयारी कर ली गयी है. बच्चों के लिए कोरोना वार्ड इस तरह बनाने सुझाव दिया गया है कि बच्चों की देखभाल करने वाले स्टाफ और बच्चों के माता-पिता बिना संक्रमित हुए उनकी देखभाल कर सकें. इसके अलावा बच्चों को वैक्सीनेशन की प्रथमिकता दी जाए, साथ ही शिक्षकों और स्कूल स्टाफ को वैक्सीनेट किया जाए।