अमानत ज्योति कार्यक्रम के तहत एएनएम को दी गयी ट्रेनिंग

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  • सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में आयेगी कमी
  • डीएमटी-आउटरिच माड्यूल-2 और 3 का दिया गया प्रशिक्षण
  • पहले दिन 10 प्रखंडों के एएनएम का हुआ प्रशिक्षण

छपरा: सदर अस्पताल के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में अमानत ज्योति योजना के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें केयर इंडिया टीम के द्वारा आउटरीच में कार्यरत एएनएम को मॉड्यूल 2 और 3 का प्रशिक्षण दिया। पहले दिन जिले के दस प्रखंडों के दो-दो एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। पहले दिन तरैया, एकमा, रिविलगंज, दिघवारा, दरियापुर, जलालपुर, गड़खा, अमनौर, मांझी, नगरा, सदर प्रखंड के एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण दे रही केयर इंडिया के अमनात ज्योति कार्यक्रम के मेंटर दीपिका राणा ने कहा कि जिले के प्रत्येक प्रखंड से दो बेहतर नर्सेज को लेकर डिस्ट्रिक्ट मेंटरिंग टीम का गठन किया गया है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं में खून की कमी यानी एनीमिया के बारे में जागरूकता फैलाना है। यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद सभी एएनएम अपने पीएचसी में अन्य एएनएम को प्रशिक्षित करेंगी। इसके लिए प्रशिक्षित नर्सों को आईईसी मेटेरियल भी दिया गया है। महिलाओं में प्रसव के समय एनिमिक रहने की जानकारी रहने पर एएनएम बेहतर परामर्श और देखभाल कर सकती है। इस मौके पर केयर इंडिया के डीटीएल संजय कुमार विश्वास, डीटीओ-ऑन प्रणव कुमार कमल, बीएम अमितेष कुमार, गड़खा बीएम प्रशांत कुमार सिंह समेत 10 प्रखंडो के केयर बीएम मौजूद थे।

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सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी

इस अवसर पर केयर इंडिया के डीटीएल संजय कुमार विश्वास ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी का आयोजन किया जाता है। जिसमें आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से प्रसव पूर्व जाँच एवं बच्चों के टीकाकरण के अलावा नवजात की देखभाल एवं परिवार नियोजन पर परामर्श भी दिया जाता है। उन्होंने सभी एएनएम को संबोंधित करते हुए कहा आरोग्य दिवस पर प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। गर्भावस्था से लेकर शिशु के दो वर्ष की आयु तक का समय महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान माता के बेहतर पोषण के साथ प्रसव पूर्व जाँच भी जरुरी होता है। इसलिए सभी एएनएम की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में शत-प्रतिशत गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व जाँच को सुनिश्चित करें।

क्या है अमानत ज्योति कार्यक्रम

यह कार्यक्रम मातृ एवं नवजात की मृत्यु दर को कम करने के लिए चलाया जा रहा है। इसके तहत चिकित्सकों एवं नर्सों को सुरक्षित प्रसव कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लायी जा सके।

यह होगा फायदा

  • महिलाओं में एनीमिया के खतरे के कारणों की पहचान एवं उपचार में गुणात्मक सुधार होगा
  • साथ ही गर्भवती महिलाओं का नर्स एवं अस्पताल कर्मियों पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा
  • अमानत ज्योति कार्यक्रम से अस्पताल की चिकित्सा गुणवत्ता में सुधार होगा
  • इससे अस्पताल के चिकित्सकीय व्यवस्था का सर्वांगिण विकास होगा
  • क्षमता वर्धन से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में होगी सुधार

केयर इंडिया के डीटीओ-ऑन प्रणव कुमार कमल ने बताया कि आरोग्य दिवस की सहायता से सामुदायिक स्तर पर प्रसव पूर्व जाँच एवं टीकाकरण की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो पा रही है। इसमें आशा, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है। स्वास्थ्य विभाग भी इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के क्षमता वर्धन की जरूरत को ध्यान में रखते हुए निश्चित अंतराल पर इस तरह के प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है। सरकार द्वारा मां व बच्चे को बेहतर देखभाल प्रदान कराने के लिए जननी शिशु सुरक्षा योजना की शुरुआत की गयी है। इस कार्यक्रम के तहत शिशु को विशेष सुविधा प्रदान की गयी है। 1 साल तक बीमार बच्चों को घर से अस्पताल तक निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा भी प्रदान की गयी है।