कोविड-19 टीकाकरण को लेकर प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

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  • राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन
  • राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने मुख्य बिंदुओं पर की चर्चा
  • टीकाकरण सत्र स्थल चयन करने को लेकर दिया गया निर्देश

छपरा: कोविड19 टीकाकरण को लेकर प्रखंडस्तरीय स्वास्थ्य कर्मियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशिक्षकों के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एनके सिन्हा ने प्रशिक्षण के मुख्य बिन्दुओं पर चर्चा की। उन्होने कहा कि कई चरणों मे टीकाकरण का कार्य किया जाना है। टीकाकरण के लिए सबसे पहला काम है कि लाभार्थियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना। क्योंकि कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड लाभार्थियों को ही वैक्सीन दिया जायेगा। उन्होने कहा कि अभी कोविड अनुरूप नियमों का पालन करना अति आवश्यक है। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि सरकारी व निजी स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण के लिए सत्र स्थल का चयन किया जाना है।

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प्रथम चरण में टीकाकरण के लिए पीएचसी स्तर के नीचे के स्वास्थ्य संस्थानों में टीकाकरण नहीं किया जायेगा। स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य संस्थान में ही टीकाकरण किया जाना है। यह पहली बार होगा कि लाभार्थियों को टीका लगाने वाला व्यक्ति खुद लाभार्थी बनकर टीका लेगा। कोरोना वायरस वैक्सीन से संबंधित दुष्प्रभावों से निपटने की व्यवस्था भी रखें। कोविड -19 टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं से निपटने के लिए सही रिपोर्टिंग और समय पर सूचना देने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए । टीकाकरण निगरानी प्रणाली में बूथ स्तर से सूचना तंत्र विकसित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में जिलास्तर से जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी बीएचएम, बीसीएम तथा सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे।

तीन कमरों का होगा टीकाकरण स्थल

प्रशिक्षण में बताया गया कि प्रथम फेज में स्वास्थकर्मी को टीका लगाए जाने की योजना है। टीकाकरण के लिए टीम का गठन करने का निर्देश दिया गया उन्होंने बताया टीकाकरण के लिए जो साइट चिन्हित होगा। उसमें तीन कमरे होंगे पहला कमरा में जिसका रजिस्ट्रेशन हो चुका है उसका पोर्टल पर वेरिफिकेशन किया जाएगा। वेरीफिकेशन संपुष्टि होने पर उसे वैक्सीनेशन रूम में भेजा जाएगा और वैक्सीन लगाया जाएगा, उसके बाद व्यक्ति को तीसरे कमरे में ऑब्जरवेशन के लिए भेजा जाएगा। जहां आधा घंटा के लिए उन्हें रखा जाएगा। ताकि किसी तरह का यदि रिएक्शन होता है। तो तत्क्षण उनका इलाज किया जा सके और आधे घंटे के बाद उन्हें भेज दिया जाएगा।

मेडिकल कचरा का निस्तारण होगा प्रबंध

प्रशिक्षण के दौरान बताय गया कि टीकाकरण सत्र पर कचरा निस्तारण का प्रबंध करना होगा। सिरिंज, निडिल का प्रॉपर डिस्पोजल के लिए 3 कंटेनर रखा जाएगा। वैक्सीनेशन के बाद जो भी कचरे होंगे उसे निस्तारण के लिए भेजा जाएगा।

टीकाकरण के लिए आईडी कार्ड से होगी पहचान

कोविड वैक्‍सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क के जरिए वैक्‍सीन के स्‍टॉक और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन की रियल-टाइम जानकारी मिलेगी। किसे वैक्‍सीन मिली है और किसे नहीं, उसका डेटा भी यहां उपलब्‍ध होगा। वैक्‍सीन के लिए लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके लिए वेबसाइट जल्‍द लॉन्‍च की जाएगी। वहां पर वोटर आईडी, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्‍युमेंट जैसे 12 फोटो आईडीज में से एक के सहारे रजिस्‍टर कर पाएंगे। फिर सेंटर पर फोटो आईडी मैच की जाएगी। हेल्‍थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को अस्‍पताल या क्लिनिक जैसी जगहों पर टीका लगेगा।

एक टीम में 5 सदस्य होंगे

  • वैक्सीनेटर ऑफिसर- डॉक्टर/नर्स/फार्मासिस्ट
  • वैक्सीनेशन ऑफिसर 1- ( पुलिस होमगार्ड या सिविल डिफेंस का व्यक्ति) जो लाभार्थी के रजिस्ट्रेशन की स्थिति देखेगा
  • वैक्सीनेशन ऑफिसर 2- यह दस्तावेज की जांच को प्रमाणित करेगा
  • वैक्सीनेशन ऑफिसर 3 और 4- यह दो सपोर्ट स्टाफ भीड़ आदि का प्रबंधन करेंगे