शहरी क्षेत्र के गली-मुहल्लों में पोषण का संदेश पहुंचायेगा जागरूकता रथ, सीडीपीओ ने किया रवाना

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जागरूकता रथ
  • पोषण के पांच मंत्रों से दूर होगा कुपोषण
  • ऑडियो के माध्यम से लोगों में फैलायी जायेगी जागरूकता

छपरा: सिंतबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान आईसीडीएस और स्वास्थ्य विभाग की ओर से समुदायस्तर पर तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सदर शहरी क्षेत्र के परियोजना कार्यालय से जागरूकता रथ को रवाना किया गया। सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रथ को रवाना किया। सीडीपीओ ने कहा, यह रथ शहरी क्षेत्र के गली-मुहल्लों में जाकर लोगों के बीच पोषण के संदेशों को पहुंचायेगी।

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जागरूकता रथ

ऑडियों के माध्यम से पोषण जागरूकता फैलायी जायेगी। जागरूकता रथ का उद्देश्य लोगों को सही पोषण के लिए जागरूक करने के साथ ही गर्भावस्था में और बच्चों का ऊपरी आहार, खानपान के प्रति सजग होने, शिशु जनित रोगों से मुक्ति के लिए सही जानकारी जागरूकता रथ के माध्यम से दिया जाएगा। सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने कहा, पोषण माह का मुख्य उद्देश्य देश के बच्चों, किशोरों एवं महिलाओं को कुपोषण मुक्त, स्वस्थ और मजबूत बनाना है। यह काम विभिन्न सरकारी विभागों के रूपांतरण से होगा। इसमें समाज कल्याण, स्वास्थ्य, पेयजल स्वच्छता, पंचायत राज आदि विभाग मिलकर काम करेंगे।

पोषण के पांच सूत्रों को जन-जन तक पहुंचाने की कवायद

पूरे सितंबर माह प्रतिदिन सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, प्रखंडों व जिलास्तर पर गतिविधियां आयोजित की जाएंगी जबकि पोषण जागरूकता रथ ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण के महत्व के बारे में बताएगा। कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एंव साफ-सफाई, एनिमिया प्रबंधन शामिल है। इन पांच सूत्रों से कुपोषण पर लगाम लगाया जायेगा।

गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन का सेवन महत्वपूर्ण

इस मौके सीडीपीओ कुमारी उर्वशी ने बताया, बच्चे के विकास के लिए सही पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर शुरुआती वर्षों के दौरान। गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक भोजन लेना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे बच्चे की सेहत भी जुड़ी होती है। जन्म के बाद भी बच्चे को दो साल तक आयु के अनुसार स्तनपान तथा अनुपूरक पौष्टिक आहार ही देना चाहिए। साथ ही उन्होंने बताया गर्भावस्था और जन्म के बाद के शुरुआती वर्ष मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। बच्चे के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने के लिए विटामिन, कैल्शियम, आयरन, वसा और कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार बच्चे को देना बहुत महत्वपूर्ण है।

जागरूकता रथ देगी ये जानाकरी

  • जन्म के छह माह तक सिर्फ माँ का दूध पिलायें
  • छह माह के बाद बच्चों को सत्न्पान के साथ पूरक आहार दें
  • गर्भवती होने पर आंगनबाड़ी केंद्र पर रजिस्टेशन करायें
  • बच्चों को खाना खिलाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें
  • गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें
  • गर्भवती महिलाओं को आयरन की गोली जरूरी लेनी चाहिए