छपरा: सारण में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए जिलाधिकारी ने शुरू की पहल

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  • वैश्विक महामारी में ऑक्सीजन प्लांट की है अत्यंत आवश्यकता
  • पीएसए टेक्नोलॉजी के माध्यम से तैयार होगा ऑक्सीजन
  • ऑक्सीजन प्लांट के सदर अस्पताल में उपलब्ध है जमीन

छपरा: वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच एक अच्छी खबर है। सारण के जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार सिंह को पत्र भेजा है। जारी पत्र में जिलाधिकारी ने कहा है कि ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किये जाने के लिए सदर अस्पताल परिसर में पर्याप्त जमीन की उपलब्धता होने के बावजूद प्लांट के नहीं रहने के कारण मरीजों के उचित ईलाज के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में काफी असुविधा होती है। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने अनुरोध किया है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के मद्देनजर सदर अस्पताल छपरा में 30Nm3/HR @90-92% purity पीएसए टेक्नोलॉजी बेस्ड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने करने के लिए आपकी कंपनी द्वारा सीआरएस के अंतर्गत संकलित प्रायफलन के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान करने की कृपा की जाय। ताकि कोरोना संक्रमित सहित अन्य मरीजों के ईलाज में सहूलियत हो सके। ऑक्सीजन प्लांट लगाने की अनुमानित लागत 57.12 लाख रूपये है।

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जिले में है कोरोना के 4000 से अधिक मरीज

जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने कहा कि सारण जिले में वर्तमान में लगभग 4000 से अधिक कोरोना से संक्रमित मरीज है। जिसमें सदर अस्पताल के कोविड केयर सेन्टर में अभी कोरोना से संक्रमित 82 मरीज भरती है तथा पूरे अप्रैल माह में लगभग 200 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सदर अस्पताल में भर्ती किये गये थे। इसके साथ ही सामान्य तौर पर भी सदर अस्पताल के इमरजेन्सी वार्ड में लगभग 25-30 मरीज, एसएनसीयू में 12 बजे तथा आईसीयू में 06 मरीज बराबर ऑक्सीजन पर रहते हैं। इस तरह सदर अस्पताल में लगभग 150 ऐसे मरीज रहते हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता रहती है।

प्लांट लगने से ऑक्सीजन की समस्या होगी दूर

जिलाधिकारी डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे ने बताया कि बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के सहयोग से जिले में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जायेगी। इस ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता लगभग 1000 एलपीएम होगी। पीएसए का मतलब प्रेशर स्विंग अब्सॉर्प्शन ऑक्सीजन प्लांट है। सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लग जाने के बाद हद तक समस्या दूर हो जाएगी। सदर अस्पताल सहित अन्य जगह चल रहे कोविड केयर सेंटर को भी यहां से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सकेगा। ऐसे में ऑक्सीजन की कमी दूर होने के बाद कोरोना मरीजों को अन्य जगहों के लिए रेफर करने की समस्या भी खत्म हो जाएगी।