माहवारी स्वच्छता दिवस: किशोरियों के ‘मुश्किल दिनों’ को आसान कर रहा एंजल पैड बैंक

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angel pad bank
  • तीन सालों से महामारी स्वच्छता पर जागरूकता फैला रहे “भंवर”
  • पैड बैंक में 1000 से अधिक किशोरियों हुई लाभांवित

छपरा :- समाज के लिए कुछ करने की सोच हो तो रास्ते खुद निर्मित हो जाते हैं। कुछ ऐसे ही सोच को साकार कर रहे है सारण के लाल भंवर किशोर । भंवर ने महिलाओं एवं किशोरियों की जिंदगी संवारने का कोशिश की है। सारण जिले के रिविलगंज निवासी भवँर किशोर एंजल पैड बैंक की स्थापना कर किशोरियों के मुश्किल दिनों को आसान कर रहें है। इस पूरे अभियान को स्वस्थ बिटिया सशक्त बिटिया का नाम दिया गया है। प्रत्येक वर्ष के 28 मई को मनाए जाने वाले माहवारी स्वच्छता दिवस की उपयोगिता को भंवर जैसे लोग अधिक सार्थक भी कर रहे हैं। कोरोना काल में जहाँ सेनेटरी पैड की उपलब्धता में चुनौतियाँ बढ़ी है। उनका यह प्रयास निःस्वार्थ सेवा भाव का सजीव उदाहरण है।

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lal bhver kishor

महिला चिकित्सकों द्वारा महामारी स्वच्छता की जानकारी

एंजल पैड बैंक के माध्यम से महिला चिकित्सकों द्वारा किशोरियों के बीच महामारी स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। एक जगह पर तीन बार कार्यक्रम किया जाता है। सबसे पहले किशोरियों को जागरूक किया जाता है । उसके बाद किशोरियों के बीच सेनिटरी पैड का वितरण किया जाता है। साथ ही साथ 3 माह तक किशोरियों को सैनिटरी पैड उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिए पैड बैंक में किशोरियों को पासबुक भी दिया जाता है।

1000 से ज्यादा किशोरियां हुई लाभान्वित

भंवर ने बताया, ” गरीब महिलाओं और किशोरियों को सेनेटरी पैड मुहैया कराने के लिए हम लोगों ने एक पैड बैंक की शुरुआत की। इस पैड बैंक मे 1000 से ज्यादा किशोरियों हेल्पिंग बुक के माध्यम से पैड उपलब्ध कराया जाता है। हम लोग अपने जेब खर्च से पैसे बचाकर इस मुहीम को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे कुछ दोस्त भी आर्थिक रूप से हमारी मदद करते हैं’’।

समाज में फैली झिझक को मिटाना है 

भंवर किशोर बताते हैं ज्यादातर लड़कियों को माहवारी आने से पहले इस प्रक्रिया के बारे में पता ही नहीं होता क्योंकि इस बारे में बात करना अच्छा नहीं माना जाता। यही वजह है कि कठिनता से भरे इन चार पांच दिनों में उनकी बुनियादी जरूरत को पूरा करने पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण परिवेश और मलिन बस्तियों में रहने वाली किशोरियों के साथ होती है। हम लोग बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में किशोरियों और महिलाओं में माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य सैनिटरी पैड के बारे में समाज में फैली झिझक को मिटाना है और उन्हें मुफ्त में सेनेटरी पैड मुहैया कराना है।

स्कूलों और गांवों में जाकर करते हैं लोगों को जागरूक

भंवर ने आगे बताया एंजल पैड बैंक के द्वारा ग्रामीण इलाकों के स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर किशोरियों को इकट्ठा कर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। क्योंकि वहां एक साथ बहुत सी बच्चियां मिल जाती हैं। बच्चियों को समझाना बहुत आसान होता है। जब हम लोग गांव में गए तो पता चला कि बहुत से ग्रामीण इलाकों की किशोरियां सेनेटरी पैड के बारे में जानती ही नहीं थी। वहां पीरियड के वक्त सिर्फ कपड़ा ही इस्तेमाल करती थीं। हम चाहते हैं कि किशोरियों में पीरियड से संबंधित बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़े।

ऐसे शुरू हुआ सिलसिला

भंवर बताते है कि 2004 में समाज में कुछ अच्छा करने के के लिए सोशल सर्विस एक्सप्रेस के नाम से एक संस्था बनाई और सामाजिक कार्यों में अपना योगदान देना शुरू किया। फिर 2017 में महिलाओं के लिए समर्पित “एंजल द हेल्पिंग हैंड्स” का गठन किया गया। जिसके माध्यम से किशोरियों व महिलाओं को जागरूक किया जाता रहा। फिर 14 अप्रैल 2019 को एंजल पैड बैंक की स्थापना की गई। जिसके माध्यम से निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

महिला पुलिसकर्मियों के साथ भी हो चुका है कार्यक्रम

एंजल पैड बैंक के द्वारा पुलिस लाइन में महिला पुलिस कर्मियों के साथ महामारी स्वच्छता पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम किया जा चुका है । जिसमें सारण के एसपी भी शामिल हुए थे। एसपी ने एंजल पैड बैंक की इस पहल को सराहना की थी।